सोमवार, 10 दिसंबर 2012

दर्द मे भींगा






दर्द मे भींगा हुआ है
सर्दिला मौसम
सर्द का मौसम हुआ है
सर्द का मौसम

झील के झिल-मिल किनारे
लहरो की हल चल
लहरो की हल-चल हिलाती
ठंडी हवा पल पल
प्यारा सा जीवन सजा ले
ऐ मेरे हम-दम


दर्द से घायल हुई है
प्यार की पायल
प्यार मे पागल समन्दर
पागल हुई कोयल
साज और  आवाज से ही
सज गई सरगम


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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज